2034 सरस्वती पूजा तारीख व समय भारतीय समय अनुसार, 2034 सरस्वती पूजा हिंदी कैलेंडर, 2034 में सरस्वती पूजा त्यौहार के सभी तारीख व समय, पूजा विधि, सरस्वती पूजा मंत्र।
नवरात्रि के दौरान सरस्वती पूजा का दूसरा दिन सरस्वती प्रधान पूजा दिवस के रूप में जाना जाता है। प्रधान पूजा दिवस मुख्य सरस्वती पूजा दिवस है। वर्ष में दो बार वसंत पंचमी और नवरात्रि सप्तमी के दिन सरस्वती पूजा का विशेष महत्व होता है। विशेष तौर पर दक्षिण भारत में सप्तमी के दिन सरस्वती आव्हान किया जाता है और विजयादशमी के दिन सरस्वती विसर्जन किया जाता है। माँ सरस्वती को विद्या की देवी माना जाता है।
इस साल सरस्वती पूजा के तारीख :
सरस्वती पूजा का आयोजन उन्हीं के सम्मान में किया जाता है। भारत के कुछ क्षेत्रों में इसे बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। माँ सरस्वती को विद्यादायिनी एवं हंसवाहिनी कहा जाता है। भारत के अलावा थाइलैण्ड, इण्डोनेशिया, जापान, बर्मा, चीन देशों में भी सरस्वती पूजा की जाती है। कहते हैं माँँ सरस्वती की उपासना करने से मनुष्य की बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। कई स्कूलों में आज भी पढाई प्रारंभ करने से पहले सरस्वती वंदना और आराधना की जाती है। इसी कारण भारत के दक्षिणी भाग में नवरात्रि सप्तमी के दिन सरस्वती आवाहन किया जाता है और तीन दिन यानि सप्तमी, अष्ठमी और नवमी के दिन सरस्वती पूजा की जाती है और विजयादशमी के दिन सरस्वती विसर्जन किया जाता है।

इस साल सरस्वती पूजा के तारीख :
19 अक्टूबर 2034
गुरूवार
सरस्वती पूजा का आयोजन उन्हीं के सम्मान में किया जाता है। भारत के कुछ क्षेत्रों में इसे बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है। माँ सरस्वती को विद्यादायिनी एवं हंसवाहिनी कहा जाता है। भारत के अलावा थाइलैण्ड, इण्डोनेशिया, जापान, बर्मा, चीन देशों में भी सरस्वती पूजा की जाती है। कहते हैं माँँ सरस्वती की उपासना करने से मनुष्य की बौद्धिक क्षमता का विकास होता है। कई स्कूलों में आज भी पढाई प्रारंभ करने से पहले सरस्वती वंदना और आराधना की जाती है। इसी कारण भारत के दक्षिणी भाग में नवरात्रि सप्तमी के दिन सरस्वती आवाहन किया जाता है और तीन दिन यानि सप्तमी, अष्ठमी और नवमी के दिन सरस्वती पूजा की जाती है और विजयादशमी के दिन सरस्वती विसर्जन किया जाता है।